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मुंहता नैणसीरी ख्यात .
[ १३९. जो जीवीजै तो जेसा जिम ,
. जे मरजै तो जैसा जेम' ।। १ अांक ८, राव कांन्ह जेसारो। पूगळ धणी हुवो। जेसानूं मुगले मरोटमें मारियो, तद कान्ह बंद पड़ियो हुतो । पछै महाराजाजी . रायसिंघजी, महाराजा मानसिंघजी पातसाजीतूं अरज कर छोडायो। राव कान्हरा बेटा
राव अासकरण कान्हरो, पूगळ धणी हुवो। समो बलोच पूगळ ऊपर आयो, राव कोट छोड पाधर में वेढ की, तठै घणा सांथसूं काम
आयो । .. रामसिंघ कान्हरो ।
६ मानसिंघ कान्हरो। नागोर राजा रायसिंघजी नै दलपत वेढ हुई तरै काम आयो ।
१० सूरजमल ।
अांक ६, राव आसकरण कान्हरो, पूगळ धणी हुवो। ... । बेटा आसकरणरा
१० जगदेव आसकरणरो। १० नारणदास । १० सुरतांण । १० किसनसिंघ । १० गोयंददास । १० किसनदास ।
आंक १०, राव जगदेव आसकरणरो पूगळ धणी हुवो। . राव जगदेवरा बेटा
११ राव सुदरसण जगदेवरो। रा॥ मांन खींवावतरो दोहीत्रो । . . जगदेव मुंवो, एक वार टीकै बैठो पूगळ । पछै संमत १७२२ राजा
करण पूगळ मारनै इणांनूं परा काढिया । .. . अधिक शील और सत्यका पालन करने वाला राव जैसा शत्रुओंकी चतुरंगिनी
सेनाके सम्मुख चढ कर गया और युद्ध में पीछे पांव नहीं दिया। (संसारमें) यदि जिया जाय तो ...: जैसाके समान और मरा जाय तो जैसाके समान । (जीने और मरनेका जैसेने आदर्श उपस्थित
किया)। 2 तब कान्ह कैदमें पड़ा था। 3 रावने कोट (का आश्रय) छोड़ कर मैदानमें लड़ाई की, जहां कई मनुष्योंके साथ काम आ गया। 4 कान्ह मानसिंहका बेटा, नागोरमें राजा रायसिंहजी और दलपतके परस्पर लड़ाई हुई तब मानसिंह काम प्राया। 5 खींवाके पुत्र राव मानका दोहिता। 6 फिर सम्वत् १७२२में राजा करणने पूगलको लूट कर के इनको निकाल दिया।