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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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विगत
१ राव केल्हण केहररों । - : २ राव रिणमल केल्हणोत । .. : ३ गोपो रिणमलोत, विकंपुर पाट हुतो । गोपा कनो राव हरै ... विकूपुर लियो । गोपो एक वीर फळोधीरी लोहड़ी आयो हुतो, पछ - मोत मुंो ।
. ३ जगमाल रिणमलरो । कहै छै एक वार रिणमल मुंवै टीको - हुवो थो। पछै अचळो रिणमलोत मुलतांण जाय तुरकारो कटक अण" . जगमाल मरायनै वडा भाई गोपानूं विकूपुर रै पाट बैसांणियो', नै
जगमालरा बेटायूँ परो काढियो । .४ जैतो पड़िहारांरो भाणेज थो, सु वाहिण मांमा कनै जाय - वसियो । पछै पड़िहार दिन दिन गळता गया, धरती सारी केल्हणे " क्युं दे-लेनै दबाई11 । खरड़री धरती सारीरा धणी केल्हण हुवा। पण पड़िहार अजेस इणां गावां मांही छै । आ खरड़ विकूपुरतूं जुदी जेसळमेर वांस1, जुदी चाकरी करै ।।
जैतो जगमालरो। जगमाल रिणमलरो। ५ ऊदो जैतारो। ६ अभौ ऊदारो। ७ हाथी अभारो । ८ रांम महेवै काम आयो, राव उदैसिंघ वेढ हारी तदा । ६ खेतसी रामरो।
... ... .. I विकूपुरकी गद्दी पर था। 2 से । 3 था। 4 जिसके बाद अपनी मौत मरा । ... . . 5 कहा जाता है कि रिणमल मरनेके बाद एक बार इसे टीका हुआ था। 6 लाकर। 7 - बिठाया। 8 और जगमालके बेटेको निकाल दिया । 9 वह बाहिणमें अपने मामाके पास
जाकर बस गया । 10 जिसके बाद पड़िहार दिन-दिन निर्वल होते गये। II कुछ दे-लेकर सारी धरती केल्हणोंने अपने अधिकारमें कर ली। 12 लेकिन पड़िहार अभी तक इन गांवोंमें रहते हैं। 13 यह .खरड़-प्रदेश जैसलमेर राज्यमें है; विकूपुरका खरड़-प्रदेश इससे अतिरिक्त है। 14 ये चाकरी भी जुदी करते हैं। IS मेहवेकी जिस लड़ाईमें राव उदयसिंह हारा. उसमें राम काम आ गया ।