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मुंहता नैणसीरी ख्यात ११ महेसदास जगदेवरो। वीकानेररै साथ मारियो, संमत १७२२।।
११ जसवंत । ११ गोकळ । ११ खंगार । राजसिंघ । वात गाडाळां-केलणारी
आगै या खरड़, इणनूं कहवत मांहै गांव १४० लागै । प्रा ठोड़ पैहली तो भाटियां-बुधां, रांणै राजपाळरा पोतरांरै हुती । पछ बुधां कनै पड़िहार रांण रूपड़े ली । तठा पछै विकूपुरथा रिणमल केलणोत. नीसरियो सु पड़िहारांरो भाणेज थो, पछै एक वार भाणेज थको आप रह्यो हुतो । पछै पड़िहार दिन दिन गळता गया । भाटी धरती दबावता गया। मुदै गांव बारू, त, कोहर १२, वडो कोहर हेमराजसर पड़िहार हेमराजरो करायो ।
बुध रांणा राजपाळरो। राजपाळ, सांगो, मंझमराव, मंगळराव, विजैराव-रावळ वछुरा । तिण रांणा राजपाळरा बुधरो बेटो कमो, तिणरा धाराधार कहांणा' । वापसू कोस १ वावड़ी त? उणरी वड़ी ठाकुराई हुई।
रांणा राजपाळरी तो ठाकुराई मुथरा हुती। उटै मुगले रांणा .... राजपाळनूं मारियो ; तरै राजपाळरो बेटो वुध मुथरी छोडनै इण खरड़ ..
आय वसियो । सु खरड़रो नाम बुधरो अजेस कहीजै छ । बुधरा .. बेटा कमानूं रांण रूप. पड़िहार बेटी परणाय", चूक कर मारनै आ' धरती ली थी, तठा पछै15 राव केल्हण विकूपुर वसियो । पछै राव केल्हण मुंवो' । टोको रिणमल केल्हणोतनूं हुवो। पछै रिणमल ही मुंवो।
I सम्वत् १७२२ में बीकानेर वालोंने मार दिया। 2 पहले ऐसा कहा जाता है कि इस खरड़ प्रदेशमें १४० गांव माने जाते थे। 3 यह प्रदेश पहले राणा राजपाल के पोते वुध-भाटियोंके अधिकारमें था। 4 फिर बादमें बुध-भाटियोंसे पड़िहार राणा रूपड़ा ने (खरड़), . ले ली। 5 फिर एक बार भानजेकी स्थिति में ही आकर रहा था। 6 फिर पड़िहार तो.... दिन-दिन कमजोर होते गये। 7 बड़ा कुआँ हेमराजसर जो पड़िहार हेमराज का बनवाया हुआ है। 8 ये रावल वछूके वेटे। 9 उस राणा राजपाल का बेटा बुध और जिसका बेटा . कमा, जिसके वंशज धाराधार कहलाये। 13 तव राजपाल का बेटा बुध मथुरा छोड़ कर. इस खरड़ प्रदेशमें अाकर रह गया । II उस खरड़ प्रदेश का नाम अभी तक 'बुधेरो' कहा
जाता है। 12 व्याह कर के । 13. कपटसे मार कर के। 14 यह। 15 जिसके बाद । - 16 निवास किया। 17 मर गया । ...... . ........