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मुंहता नैणसीरी ख्यात ६ कुंभो।
६ मेघराज । ८ नेतसी रामोत।
८ तेजसो रामावत । ६ नरसिंघ ।
६ उदेसिंघ पंचाइणरो। ८ संकरदास रांमोत । ८ मनोहरदास । ८ मोहण६ वेणीदास । ६ गोकळदास। दास।
६ कन्हीदास। ६ सबळ- ६ द्वारकादास मनोहरसिंघ।
दासोत। ८ नरहरदास रांमरो।
८ ईसरदास । ८ प्रागदास जगमाल वैरसलोतरो पेट अठा वांस -
४ जोगायत वैरसलरो। तिणनूं भाईवटै केहरोर प्रायो, नै वरसलपुर माहै हैंसो हुँतो । जोगायत वडो प्रळे-दातार हुवो। वडा-वडा दान दिया । पछै साथरैरी मौत मुंबो। पछै केहरोर तुरले लियो । इणरै वासै इसड़ो को न हुवो' । दूहो-जोगायत जीआर, पांना उथळसी परम ।।
तोनै बीजी त्यार, वेहरो होसी वैरउत ।। १ ४ तिलोकसी वैरसलरो। ५ सहसो। ६ अखैराज ।
५ भैरवदास, मरोट धणी हुतो। पछै भैरवदास मुंवो, अउत गयो । तरै राव जैसे मरोट लीवी।
४ राव सेखो वैरसलरो। पूगळ धणी । एक वार इणनूं मुगले... मुलतांण दिस ले झालियो, तद रावजी श्री वीकेजी छोडायो। ..
५ राव हरो सेखारो, पूगळ धणी । पूगळनूं गांव ३५० लागता, तिण माहै हैसो ३ भाई11 । वाघे सेखावत गांव हापासरतूं वंटाय गांव
I रामका वेटा नेतसी। 2 रामका बेटा शंकरदास । 3 इसके बाद जगमाल वैर-.. सलोतका वंश। 4 वैरसलका बेटा जोगायत, इसे भाईवटमें केहरोर मिला और वरसलपुरमें ..... भी भाग था। 5 जोगायतं बड़ा जबरदस्त दानी हुआ । इसने बड़े-बड़े दान दिये। 6 अपनी मौत मरा। 7 इसके पीछेके वंशजोंमें ऐसा कोई नहीं हुआ। 8. फिर भैरवदास अपुत्र मर . गया। 9 एक बार इसको मुलतानकी ओर मुगलोंने पकड़ लिया था तव राव बीकाजीने छुड़वाया था। 10 राव हरा शेखाका पुत्र, पूगलका स्वामी । II पूगलके पीछे ३५० गांव ... थे, जिनमें तीन भाईयोंका हिस्सा । (पृ० १११ में शेखाके वंशजोंके बँटवाड़ेमें पूगलके गांव ३६० और उनके चार हिस्से किये गये, बताया गया है ।) .....