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मुंहता नगसीरो ख्याल रावळ मूळराज, जेजळनेर पाट १ भाटो तनिध मूलको सगो भाई, सोडांनो कोहीनों। १ भाटी पदनित्र, करमयोतारो बोहोना । वेडी : तीन हुई, तिगांरा नाम - १ चंबर, महागाजाधिराज नहा राजा श्री गरिनी ने
परणाया। १ विनकंवर महाराजवंबार श्री राजकिनी में परमाया ।
में दोय वेटो बांधारी बोहोत्री, सगी बहनों ! बीकानेर परणाई। १ विजेंञ्बर, महाराजा कंबार श्री त्रिी विनवजीरे कंवरनै परणाया। नु दनियां नै संचालित नियत मारवाड़ नोजले जाया । नागोर जोक्युर बेरोको ? तिम समै माहाराज श्री विनविजीले मोहल सेलावन ने कंबर
जेसळनेरै गढमें रखा। पछ फोजळी, नाहरा मतसिंजोन बनाया विजकंदर करनसोतारी दोहीती । पदमसिंचजोरी तो वहन । ___ राव केल्हण पूराळ, विलंपुर, कन्सलपुर, मोठार, हार, सिगळी आ धरती भोगवतो । पछै सब सेबोहबो, विज करती इश मांत वंटांणी
I माटी रतनसिंह, यह मूलराजका महोबर नाई और नोडवेज हिताना पनिह, करमनांतोंका बोहिता। 3 वैदियः हुई, उनके नाम ये है! । चन्द्रवति, जे बीकानेर के महाराजा गहजोको ब्याही गई। 5 विनय नि, कोबीकानेर नहरामकुंकर साहको व्याही 1 6 बीकानेरको व्याही गई दोनों देगी कहिने और हान्नोंत्री दोहितिय है। विनयज्ञबरि, नहायजा विजयानहीने बर महाराजकुमार लहानही को व्याही गई। उस उच्च अभयसिंहका बेटा सहि और दक्षिण वाले ना लेकर बारबाड़में ना गये और नागोर और बोपुरका वेरा डाल दिया। जब महाराजा विजयानहनीकी शेखावत राणी और उबर जैनलनेन्के गहमें रहे। 8 जर कोड की जहाँही ... विवाह हुआ। विजयात्रनि, निजीकी जगी वहित और करनीको हित । 9 नव ! 10 पीछे नत्र शेन्डा हुना, उसके वंशनाने इन्न प्रकार देश बंट गया।