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जघन्य
प्रस्तार
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नरक व्यवस्था नं. पृथिवी बिल शरीरकी ऊँचाई लेश्या शीतोष्ण | उत्कृष्ट
वेदना आयु
। आयु १ रत्नप्रभा १३ ३००००००, ७ धनुष ३ हाथ ६ अंगुल जघन्य कापोत उष्ण वेदना| १ सागर दश हजार वर्ष २ शर्कराप्रभा ११ २५००००० १५ धनुष २ हाथ १२ अगुंल मध्यम कापोत उष्ण वेदना ३ सागर १ सागर ३ बालुका | ९ १५००००० ३१ धनुष १ हाथ उत्कृष्ट कापोत उष्ण वेदना| ७ सागर ३ सागर प्रभा
जघन्य नील ४ पङ्कप्रभा | ७ |१००००००। ६२ धनुष २ हाथ मध्यम नील उष्ण वेदना १० सागर |७ सागर ५ धूमप्रभा | ५ | ३००००० १२५ धनुष
उत्कृष्ट नील | उष्ण शीत |१७ सागर १० सागर
जघन्य कृष्ण ६ तमःप्रभा | ३ | ९९९९५ २५० धनुष
मध्यम कृष्ण | शीत २२ सागर १७ सागर ७ महातमःप्रभा १ ५/५०० धनुष
उत्कृष्ट कृष्ण | महाशीत ३३ सागर २२ सागर
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नोट: १ यह लेश्याका क्रम स्वायुषः प्रमाणावधृताः द्रव्यलेश्या उक्त भावलेश्यास्त्वन्तर्मुहूर्त परिवर्तिन्यः' इस सर्वार्थसिद्धिके मतानुसार लिखा है। गोम्मटसार तथा धवलसिद्धांतके मतानुसार सभी नारकियोंके विग्रहगतिमें शुक्ल , अपर्याप्तक अवस्थामें कापोत तथा पर्याप्तक अवस्थामें कृष्णद्रव्यलेश्या होती है और भावलेश्याएं, कृष्ण, नील तथा कापोत होती है जिनका क्रम उपर चित्रमें बताया गया है।