Book Title: Mokshshastra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Pannalal Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 283
________________ - or or Gm & ३२ गोत्र २३८] लक्षण संग्रह शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र केवलज्ञान २ ४ । ग्लान ९ २० केवलदर्शन २ ४ गुणप्रत्यय १ २१ केवलीका अवर्णवाद ६ | गुण ५ ३८ केवलज्ञानावरण ८ ६ गुण ५ ३४ केवलदर्शनावरण ८ ७ गुण क्रोध प्रत्याख्यान गुणवत ७ २०टि कोड़ाकोड़ी ८ १४टि | गुप्ति कौत्कुच्य गुणस्थान ४ १०टि क्षय क्षायिकभाव गृहीत मिथ्यात्व क्षयोपशम-क्षयोपशम २ ८४ क्षयोपशम दानादि | घातियाकर्म ८ ४ क्षायिक सम्यक्त्व ४ चक्षुर्दर्शनावरण क्षायिक चरित्र ४ | चर्यापरिषहजय क्षायोपशमिक सम्यक्त्व ५ चरित्र क्षायोपशमिक चरित्र २ चरित्रविनय ९ २३ क्षान्ति १२ | चरित्र १० ९ क्षिप चिन्ता क्षुपापरीषह जय छेद क्षेत्र ८ छेदोपस्थापना ९ १८ क्षेत्र छेद क्षेत्रावस्तुप्रमाणातिक्रम २९ | जघन्यगुणसहित परमाणु क्षेत्रवृद्धि | जरायुज गर्भजन्म | जाति नामकर्म ८ ३१ गति नामकर्म जीव गन्ध जीविताशसा ७ ३७ गण २४ जुगुप्सा गति १० ९ ज्ञातभाव १०० . . .vorrore rs v or vu Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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