Book Title: Mokshshastra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Pannalal Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 295
________________ २५०] प्र. ५ - प्र. १. प्रश्नपत्र श्री भा० दि० जैन महासभा परीक्षाबोर्ड ( समय ३ घण्टे ) मोक्षशास्त्र (पूर्वार्द्ध) ( पूर्णाक १०० ) सूचना- छ: प्रश्नोंमेंसे कोई पांच प्रश्न हल कीजिये, सबके अंक समान है। संसारसे मुक्ति किस प्रकार हो सकती है? जीवका स्वतत्व क्या है ? नाम गिनाकर स्वरुप बताइये । गर्भ समूर्च्छन और उपपाद जन्म किन प्राणियोंके होते हैं। एक गतिसे दूसरी गतिमें कौन ले जाता है। कुल भूमियां कितनी हैं और वे किनके आश्रित हैं। प्र. २. प्र. ३. प्र. ४. मोक्षशास्त्र सटीक किसी एक विषय पर दो पेज में एक लेख लिखो । (१) हेत्वाभास ( २ ) सप्तनय । प्र. ५. २० प्रमाण, नैगमनय, स्पर्शन, लेश्या, उपभोग, वर्तना, द्रव्य, गुण तत्व और मोक्ष इनसे आप क्या समझते हैं। निम्नांकितों में अन्तर बताइये - नय - निक्षेप, मति- कुमति, द्रव्यैन्द्रिय-भावेन्द्रिय, मतिज्ञानश्रुतज्ञान, चिन्ता - अभिनिबोध, संशय-ईहा, लब्धि - उपयोग | आधुनिक युगमें दुःखोंका कारण बताकर विश्वशांति धर्मके द्वारा किस प्रकार हो सकती है, इस पर निबन्धके रूपमें प्रकाश डालिये। पुद्गलके उपकार और प्रदेश संख्या बताकर लौकांतिक देव कहां रहते हैं और उनकी विशेषता क्या है, लिखिये । तैजस शरीर और कार्मण शरीर किसे कहते हैं, वे किनके होते हैं? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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