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प्रश्नपत्र
[२५३ कीजिये तथा यह भी बतालाइये कि स्निग्ध और रूक्ष परमाणुओंकी बन्धकी प्रक्रियाका क्या स्वरूप है?
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( समय ३ घण्टे) मोक्षशास्त्र पूर्ण (पूर्णाङ्क १००)
परीक्षक डॉ० राजकुमार जैन, एम० ए०, पी-एच० डी० नोट- कोईसे पांच प्रश्न केजिए। सातों तत्वोंके नाम लिखकर उनकी परिभाषा लिखिए। कर्म किसे कहते है? इनके नाम लिखो तथा यह भी बताओ कि ज्ञानावरण और अन्तराय कर्मके बन्धके क्या कारण
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देवगति, मनुष्यगति तथा तीर्थकर प्रकृतिके बन्धके कारण लिखो। समिति किसे कहते हैं? समितिके भेद लिखकर यह बतलाईये कि दैनिक जीवनमें उनका क्या महत्त्व है? व्रतोंके नाम लिखकर ब्रह्मचर्य व्रतपर प्रकाश डालिये। सम्यग्चारित्रसे क्या समझते हो? समझाकर लिखिए। निम्नलिखितमेंसे किसी एक पर निबन्ध लिखिए। (अ) सम्यग्दर्शनका महत्त्व। (ब) आत्मविकासकी दृष्टिसे मोक्षशास्त्रका मूल्याङ्कन। (स) जैन धर्मकी विशेषताएँ।
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