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मोक्षशास्त्र सटीक ४- परीषहका लक्षण लिखें, परीषह क्यों सहन की जाती
हैं लिखिये। सप्तनयोंपर या सम्यग्ज्ञान पर दो पृष्ठों पर एक लेख लिखिये।
अथवा जहां तुम रहते हो उस लोकका नकशा खींचकर २० स्वर्ग-नरक बनाकर, प्रथम नरकके कितने भाग होते हैं और उनमें कौन कौन रहते है ? स्पष्ट लिखें।
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प्रश्रपत्र भा. दि. जैन महासभा परीक्षाबोर्ड
मोक्षशास्त्र पूर्ण (समयो होरात्रयम्) प्रवेशिका तृतीय खण्ड (पूर्णांक १०० प्र.१- किन्हीं ८ शब्दोंकी परिभाषा लिखिये।
संज्ञा, संग्रहनय, संयमासंयम, सम्मूर्च्छनजन्म, संघात, साकारमंत्रभेद, संहनन, संस्थानविचय, सूक्ष्म साम्पराय चारित्र, सूक्ष्म क्रियाप्रतिपाति ध्यान। किन्हीं ५ सूत्रोंका अर्थ करो। (च) परतः परतः पूर्वापूर्वानन्तरा। (छ) भेद संघातेभ्य उत्पद्यन्ते। (ज) परात्मनिन्दा प्रशंसे सदसद् गुणोक्छादनद्भावन
च नीचैर्गोत्रस्य। (झ) हिंसादिष्विहामुत्रापायवद्य दर्शनम्। (व) विपरीत मनोज्ञस्य। (स) वीचारोऽर्थ व्यञ्जनयोग संक्रान्तिः। (ह) एकाश्रये सवितर्क वीचारे पूर्वे ।
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