Book Title: Mokshshastra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Pannalal Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 288
________________ मुहूर्त ... row १ ० १ २ रटि. मूर्छा मोक्ष स्त्र सटीक [२४३ शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र मुक्त १० | लब्ब्यपर्याप्तक ८ ११टि ८ १८टि. लिङ्ग मूलगुणनिर्वर्तना लेश्या लोकपाल ४ ४ मृषानन्दी रौद्रध्यान लोकानुप्रेक्षा मन्त्री लोभ प्रत्याख्यान ४ लौकान्तिक देव ४ २४ मोक्ष २ वर्धमान मोहनीय | वर्तना मौखर्य ३२ | वचन योग म्लेच्छ वज्रर्वृषभनाराच संहनन ८ यथाख्यात चरित्र वज्रनाराच संहनन यथाख्यात चारित्र ९ १८ | वध यशः कीर्ति ९ ११ व्रत याचना परीषहजय योग ६ १३ वर्ण योग १ | वाङनिसर्ग योग संक्रान्ति वाग्गुप्ति रति ९ वामन संस्थान रस | वाग्योगदुष्प्रणिधान रस परित्याग वाचना रहोभ्याख्यान विधान रूपानुपात विपुलमति १ २३ रोग परीषहजय विग्रहगति लब्धि १८ विग्रहवती लब्धि ४९ | निवृतयोनि ० ० 9 mvor » or sxs vi, 9 or w वध w9 ord or 9 9 orror or or or or rr Jain Education International lal For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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