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गोत्र
२३८]
लक्षण संग्रह शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र केवलज्ञान २ ४ । ग्लान
९ २० केवलदर्शन २ ४ गुणप्रत्यय
१ २१ केवलीका अवर्णवाद ६ | गुण
५ ३८ केवलज्ञानावरण ८ ६ गुण
५ ३४ केवलदर्शनावरण ८ ७ गुण क्रोध प्रत्याख्यान
गुणवत
७ २०टि कोड़ाकोड़ी
८ १४टि | गुप्ति कौत्कुच्य
गुणस्थान
४ १०टि क्षय क्षायिकभाव
गृहीत मिथ्यात्व क्षयोपशम-क्षयोपशम २
८४ क्षयोपशम दानादि
| घातियाकर्म
८ ४ क्षायिक सम्यक्त्व
४ चक्षुर्दर्शनावरण क्षायिक चरित्र
४ | चर्यापरिषहजय क्षायोपशमिक सम्यक्त्व ५ चरित्र क्षायोपशमिक चरित्र २ चरित्रविनय
९ २३ क्षान्ति १२ | चरित्र
१० ९ क्षिप
चिन्ता क्षुपापरीषह जय
छेद क्षेत्र
८ छेदोपस्थापना ९ १८ क्षेत्र
छेद क्षेत्रावस्तुप्रमाणातिक्रम २९ | जघन्यगुणसहित परमाणु क्षेत्रवृद्धि
| जरायुज गर्भजन्म
| जाति नामकर्म ८ ३१ गति नामकर्म
जीव गन्ध
जीविताशसा ७ ३७ गण
२४ जुगुप्सा गति
१० ९ ज्ञातभाव
१०० . . .vorrore
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