Book Title: Mokshshastra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Pannalal Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 285
________________ नय 1221 1 or or . . . निर्ग्रन्थ नाम नाम or s २४०] लक्षण संग्रह शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र ध्यान ९ २७ | निर्माण ध्रुव १ १६ निर्वत्यपर्याप्तिक ८ १टि धौव्य निर्जरानुप्रेक्षा |निषद्या परीषहजय नपुंसकवेद निदान आर्तध्यान नरकायु नरकगत्यानुपूर्व्य आदि नीचगोत्र नैगम नय न्यासापहार नाराच संहनन न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थान ८ नग्न्य परीषहजय परोक्षप्रमाण निसर्गज सम्यग्दर्शन परिणाम निर्जरा | परिणाम पर्याय निक्षेप ५ परिदेयन निर्देश | परोपरोधाकरण परिग्रह निवृत्त १० परिग्रहपरिमाणाणुव्रत । निश्चय कालद्रव्य परविवाहकरण निसर्ग क्रिया परिगृहीतेत्वरिकागमन ७ २८ निर्वर्तना | परव्यपदेश निक्षेप | परघात ८ ११ निसर्ग परिषहजय परिहारविशुद्धि ९ १८ निदान शल्य | परिहार ९ २२ निदान परिग्रहानन्दी रौद्रध्यान निद्रा परत्वापरत्व ५ २२ निद्रानिद्रा ८ ७ पर्याप्तक ८ १टि s w o o o o voo on vuor or or a or or n 5 w w w w w w w ou 9 m * 1928 निःसृत 9 9 9 9 9 or निलव or or 1229 or Jain Education International lal For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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