________________
م
م
x
م
x
م
5
x
ه
ornxw w or or vow
م
م
5
م
or
2
م
0
م
२३६]
लक्षण संग्रह शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र आक्रोश
९ २ इष्टवियोगज आर्तध्यान ९ ३१ आचार्यभक्ति ६ २४ इन्द्रिय
२ १४ आचार्य
९ २४ इन्द्र आज्ञाव्यापादिकी
ईर्यापथ आस्त्रव आज्ञा विचय
ईर्यापथ क्रिया आत्मरक्ष
ईर्यासमिति आतप
८ ११ ईर्या आदाननिक्षेपणसमिति ७ ४ ईहा आदेय
उच्छ्वास आदान निक्षेप ९ ५ उच्चगोत्र आनयन
उत्सर्पिणी आनुपूर्व
८ ११ उत्पाद आभियोग्य
४४ उत्तम क्षमा आभ्यतरोपधि व्युत्सर्ग ३६ उत्तम मार्दव आन्नाय
९ २४ उत्तम आर्जव आयु
उत्तम शौच आरम्भ
उत्तम सत्य आर्तध्यान
उत्तम संयम आलोकितपानभोजन
उत्तम तप आलोचना
उत्तम त्याग आवश्यकपरिहाणि
| उत्तम आकिञ्चन्य आसादन
| उत्तम ब्रह्मचर्य आस्त्रव
उत्सर्ग आस्त्रवानुप्रेक्षा
उदय-औदयिक भाव २ आस्त्रव
उद्योत आहार
२ २७ | उपशम औपशमिकभाव २ १ आहारक
२ ३६ |उपयोग
w
w
م
م
w
w
ه م
w
م
w
م
w
or or or or or or or or or or orr vr
م
w
marwa
w
م
w
م م
5
م
or
م
or
ه
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org