Book Title: Mokshshastra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Pannalal Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 280
________________ मोक्षशास्त्र सटीक [२३५ शब्द अध्याय सूत्र शब्द अध्याय सूत्र अनित्यानुप्रेक्षा ९ ७ अर्हद्भक्ति ६ २४ अनशन ९ २५ अल्पबहुत्व अनुप्रेक्षा ९ २५ अलाभ परीषहजय ९ ९ अनिष्टसंयोगजआर्तध्यान ९ २५ अल्पबहुत्व १० ९ अनन्त वियोजक ९ ४५वि अवधिज्ञान अन्तर १० ९ अवग्रह १ १५ अप्रत्याख्यान ६ ५ अवाय अप्रत्यवेक्षितनिक्षेपा. अवस्थित १ २२ अपध्यान २१ अविग्रहवती अपरिगृहीतेत्वरिकागमन ७ २८ अवर्णवाद अप्रत्यवेक्षिताप्रमाजितो. ७ ३४ अविरति अप्रत्यवेक्षिताप्रमाजितादान ७ अवधिज्ञानावरण अप्रत्यख्यानावरण अवधिदर्शनावरण अपर्याप्त नामकर्म अविपाक निर्जरा अपर्याप्तक ११ अवमोदर्य ९ १४ अपायविचय अवगाहन १० ९ अब्रह्मकुशील | अशुभ योग अभिनिबोध अशरणानुप्रेक्षा अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग अशुचित्यानुप्रेक्षा अभिषयाहार अशुभ अमनस्क अस्तिकाय ५ टि अयश:कीर्ति असमीक्ष्याधिकरण अरति ८ ११ असद्वेद्य अरति परिषहजय असंप्राप्तसृपाटिकास. अर्थ संक्रांति अस्थिर ८ ११ अर्थावगाह अहिंसाणुव्रत ७ २० अर्पित ५ ३२ | आक्रन्दन ४ . . w o o o o o or on a w ... ooooo wo aus mor w.9MM 9 9 : guvugw १३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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