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तृतीय अध्याय महापद्म आदि सरोवर तथा उनमें रहनेवाले कमलोका
प्रमाणतद्विगुणद्विगुणा ह्रदाः पुष्कराणि च ॥१८॥
अर्थ- आगेके सरोवर और कमल क्रमसे प्रथम सरोवर तथा उसके कमल से दूने दूने विस्तारवाले हैं।
नोट- यह दूने दूनेका क्रम तिगिञ्छ नामक तीसरे सरोवर तक ही है। उसके आगेतीन सरोवर और कमल दक्षिण सरोवर के कमलों के समान विस्तारवाले है ॥ १८॥
कमलोंमे रहनेवाली छह देवियांतन्निवासिन्यो देव्यः श्रीह्रीधृतिकीर्तिबुद्धिलक्ष्य पल्योपमस्थितयः ससामानिकपरिषत्काः।१९।
अर्थ- (पल्योपमस्थितयः) एक पल्यकी आयु वाली तथा ( ससामानिक परिषत्काः ) सामानिक और परिषद जातिके देवोसे सहित ( श्री ह्रीधृतिकीर्तिलक्ष्म्यः ) श्री ह्री, धृति, कीति, बुद्धि और लक्ष्मी नामकी ( देव्यः) देवियाँ क्रमसे ( तन्निवासिन्यः) उन सरोवरोके कमलों पर निवास करती हैं। 1. उक्त कमन्नोंकी कणिकाके मध्यभागमें एक कोश लम्बे आधे कोश चौड़े और कुछ कम एक कोश ऊंचे सफेद रंगके भवन बने हुए है। उन्हींमें ये देवियां रहती है तथा उन्ही तालाबोंगे जो अन्य परिवार कमल है उनपर सामानिक और पारिपद देव रहने
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