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मोक्षशास्त्र सटीक सामायिक पाठ वगैरहका भूल जाना ), ये पाँच सामायिक शिक्षाव्रतके अतिचार हैं॥३३॥
प्रोषघोपवास शिक्षाव्रतके अतिचारअप्रत्यवैक्षिताप्रमार्जितोत्सर्गादानसंस्तरोपक्रमणानादरस्मृत्यनुपस्थानानि ॥३४॥
___ अर्थ- अप्रत्यवैक्षिताप्रमार्जितोत्सर्ग (बिना देखी बिना शोधी हुई जमीनमें मलमूत्रादिका क्षेपण करना), अप्रत्यवैक्षिताप्रमार्जितादान (बिना देखे बिना शोधे हुए पूजन आदिके उपकरण उठाना), अप्रत्यवैक्षिताप्रमार्जितसंस्तरोपक्रमण (बिना देखे बिना शोधे हुए वस्त्र चटाई आदिको बिछाना), अनादर ( भूखसे व्याकुल होकर आवश्यक धर्मकार्योको उत्साहरहित होकर करना) और स्मृत्यनुम्पस्थान ( करनेयोग्य आवश्यक कार्योको भूल जाना), ये पाँच प्रोषधोपवास शिक्षाव्रतके अतिचार हैं॥३४॥
भोग उपभोग परिमाणके अतिचारसचित्तसम्बंधसम्मिश्राभिषवदुःपक्वाहाराः ।३५।
अर्थ- सचित्ताहार ( जीव सहित-हरे फल आदिका भक्षण करना), सचित्तसम्बन्धाहार सचित पदार्थसे सम्बन्ध को प्राप्त हुई चीजका आहार करना ), सचित्तसन्मिश्राहार( संचित पदार्थसे मिले हुए पदार्थका आहार करना, अभिषाहार ( गरिष्ठ पदार्थका आहार करना ), और दुःपक्वाहार ( अधपके अथवा अधिक पके हुए पदार्थका आहार करना, ये पांच भोग उपभोग परिमाणव्रतके अतिचार है। ॥३५॥
अतिथिसंविभागवतके अतिचारसचित्तनिक्षेपापिधानपरव्यपदेशमात्सर्य
कालातिक्रमाः ॥३६॥
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