________________
७६ ]
मोक्षशास्त्र सटीक
जघन्य आयु है। अर्थात् पहले नरककी उत्कृष्ट आयु दूसरे नरककी जघन्य आयु है । इसी तरह समस्त नरकों में जानना चाहिए। प्रथम नरककी जघन्य आयुदशवर्षसहस्त्राणि प्रथमायाम् ॥ ३६ ॥
अर्थ- पहले नरकमें नारकियोंकी जघन्य आयु दश हजार
वर्षों की है ।। ३६ ।
भवनवासियोंकी जघन्य आयुभवनेषु च ॥ ३७ ॥
अर्थ- भवनवासियों में भी जघन्य आयु दश हजार वर्षों की है ॥ ३७ ॥
व्यन्तरोंकी जघन्य आयुव्यन्तराणां च ॥ ३८॥
अर्थ- व्यन्तर देवोंकी भी जघन्य स्थिति दश हजार वर्षो की
है ॥ ३८ ॥
है ॥ ३९ ॥
व्यन्तरोंकी उत्कृष्ट आयुपरा पल्योपममधिकम् ॥ ३९ ॥
अर्थ- व्यन्तरोंकी उत्कृष्ट आयु एक पल्यसे कुछ अधिक
ज्योतिषी देवोंकी उत्कृष्ट आयुज्योतिष्काणाम् च ॥ ४० ॥
अर्थ- ज्योतिष्क देवोंकी भी उत्कृष्ट आयु कुछ अधिक एक
पल्यकी है ।। ४० ।।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org