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देव अनुदिशआदित्य अर्चि अर्चिमाली वैरोचन
प्रभास अर्चिप्रभ अर्चिर्मध्य अर्चिरावर्त अर्चिविशिष्ट अनुत्तरविजय विजयन्त
निवास भेद इन्द्र
ऊर्ध्वलोक
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लेश्या
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परमशुल्क
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शरीर की ऊं. | उत्कृष्ट आयु
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जयन्त अपराजित सर्वार्थसिद्धि
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जघन्य नहीं होती
(१) वैमानिक देवोंके १२ भेद इन्द्रोंकी अपेक्षा हैं । १, २, ३, ४, तथा १३, १४, १५ और १६ वें स्वर्गमें प्रत्येक स्वर्ग का एक-एक
इन्द्र तथा मध्यके ८ स्वर्गोमें युगल युगलके इन्द्र है।
(२) पाँचवें स्वर्ग में जो लौकांतिक देव रहते हैं उनकी आयु ८ सागर की होती है।
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प्रवीचार
अप्रवीचार
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