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द्वितीय अध्याय
स्तम्भ १ : साहित्यिक सुषमा
१. धर्मशर्माभ्युदय की काव्य-पीठिका २. धर्मशर्माभ्युदय का काव्य-वैभव ३. जीवन्धरचम्पू की काव्य-कला ४. जोवन्धरचम्पू का उत्प्रेक्षालोक ५. धर्मशर्माभ्युदय का रस-परिपाक ६. जीवन्धरचम्पू का रस-प्रवाह ७. जीवन्धरचम्पू का विप्रलम्भ-शृंगार और प्रणय-पत्र ८. परचम्पू में शामली पार ९. धर्मशर्माभ्युदय में छन्दों की रसानुगुणता १०. जीवन्धरचम्पू की छन्दो-योजना
सम्म २: मावान-प्रदान
११. जीवन्धरचरित की उपजीव्यता १२. उपजीव्य और उपजीवित १३. शिशुपालवध और धर्मशर्माभ्युदय १४. चन्द्रप्रभचरित और धर्मशर्माभ्युदय