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तृतीय अध्याय
स्तम्भ १ : सिद्धान्त
१. तीर्थंकर की पृष्ठभूमि २. धर्मशर्माभ्युदय में जैन-सिद्धान्त ३. जीवन्धरचम्पू में जैनाचार
४. धर्मशर्माभ्युदय में चार्वाक दर्शन और उसका निराकरण स्तम्भ २ःवर्णन
५. पाय का देश और समयम ६. जीवन्धरचम्पू का नगरो-वर्णन ७. धर्मशर्माभ्युदय का नारीसौन्दर्य ८. जीवन्धरचम्पू में नारी-सौन्दर्य का वर्णन ९. जीवन्धरचम्पू को नेपथ्य-रचना १०. राजा ११. देवसेना १२. सुमेरु १३. क्षीरसमुद्र
१४. विन्ध्यगिरि स्तम्भ ३ : प्रकृति-निरूपण
१५. धर्मशर्माभ्युदय का ऋतुचक्र १६. जीवन्धरचम्पू का तपोवन १७. जीवन्धरचम्पू का प्रकृति-वर्णन १८. सूर्यास्तमन, तिमिरोद्गति, चन्द्रोदय आदि १९. धर्मशर्माभ्युदय का प्रभात-वर्णन