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चतुर्थ अध्याय
स्तम्भ १ : आमोद- निवर्शन
१. धर्मशर्माभ्युदय का पुष्वावचय और जलक्रीड़ा २. जीवम्धर चम्पू का वसन्त-वैभव
स्तम्भ २: प्रकीर्णक-निर्देश
३. जीवन्धरचम्पू में शिशु-वर्णन ४. जीवन्धरचम्पू का प्रबोध-गीत ५. धर्मशर्माभ्युदय का स्वयंवर-वर्णन ६. चन्द्रग्रहण और जरा का अद्भुत वर्णन ७. सज्जन - प्रशंसा और दुर्जन- निन्दा
८. पुत्राभाव-वेदना
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स्वप्नदर्शन
स्तम्भ ३ : नोतिनिकुंज
१०. धर्मशर्माभ्युदय का सुभाषितनिचय
११. धर्मशर्माभ्युदय का नीत्युपदेश और राज्य शासन १२. जीवन्धरचम्पू का सुभाषितसंचय १३. जीवन्धरस्वामी को भक्तिगंगा स्तम्भ ४ : सामाजिक दशा और युद्ध निवर्शन
१४. जीवन्चरचम्पू से ध्वनित सामाजिक स्थिति १५. धर्मशर्माभ्युदय का युद्ध वर्णन और चित्रालंकार १६. जीवन्धरचम्पू का युद्ध-निरूपण
स्तम्भ ५ : भौगोलिक निवेश और उपसंहार
१७. धर्मशर्माभ्युदय का रत्नपुर
१८. जीबन्धर का हेमांगद देश और उनका भ्रमण क्षेत्र १९. टीकाएँ और टिप्पण
२०. धर्मशर्माभ्युदय के संस्कृत टीकाकार
२१. उपसंहार २२. अन्त्यनिवेदनम्