Book Title: Mahakavi Harichandra Ek Anushilan
Author(s): Pannalal Sahityacharya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 219
________________ परिशिष्ट सहायक ग्रन्थ-सूची पाण्डुलिपियाँ (१) धर्मशर्माभ्युदय, ऐलक पन्नालाल, सरस्वती भबन बम्बई, लिपि संवत् १६५२ बि. सं. 1 (२) धर्मशर्माभ्युदय, भाण्डारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट पूना, लिपि संवत् १५३५ वि. सं. । (३) जीवन्धरल, भूलेश्वर जैनमन्दिर बम्बई, लिपि संवत्-अज्ञात सिद्धान्तनन्थ (४) षट्खण्डागम, बन्धस्वामित्वविचय-अधिकार, भाग ८, शिताधराय लक्ष्मी चन्द्र ग्रन्थमाला अमरावती द्वारा १९४७ ई. में प्रकाशित । ( ५ ) मोक्षशास्त्र ( तत्त्वार्थसूत्र ) जैन विजय प्रेस सूरत से प्रकाशित, सम्पादक-पन्नालाल साहित्याचार्य, सन् १९७१ ( अष्टमावृत्ति ) महाकाव्य (६) धर्मशर्माभ्युदय-भारतीय ज्ञानपीय वाराणसी ( सम्पादक--पन्नालाल साहित्याचार्य ) सन् १९७१ में प्रकाशित। (७) रघुवंश-कालिदास, निर्णय सागर, बम्बई से १९२५ में प्रकाशित । (८) चन्द्रप्रभचरित-दीरनन्वी, पं. अमृतलालजी सा. आ. द्वारा सम्पादित __और व. जीवराज अन्यमाला सोलापुर से प्रकाशित सन् १९७१ । (१) वर्धमानचरित-असमषि, सम्पादक जिनदासशास्त्री, मराठी टीका सहित, सोलापुर से सन् १९३१ में प्रकाशित । (१०) मुनिसुव्रतकाव्य, अहवास, सम्पादक पं. के. भुजबली शास्त्री, जैन सिद्धान्तभवन, आरा से १९२९ में प्रकाशित । (११) शिशुपालवध, महाकवि माघ, निर्णयसागर प्रेस बम्बई से सन् १९१४ में प्रकाशित । (१२) नैषधीयचरित, श्रीहर्ष, निर्णय, बम्बई से १९१२ में प्रकाशित । (१३) किरातार्जुनीय, भारवि, , १९२२ ॥ (१४) कुमारसम्भव, कालिदास, , महाकवि हरिचन्न : एक अनुशीलन

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