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हे काम को जीतनेवाले रूप से उज्ज्वल बल्लभ | तुमने बन के तीर पर कामदेव के वाण रूपी दण्ड से उछाली हमारे हृदय रूपी फल की गेंद धुरा ली थी। उस गेंद का परिचय यह है कि उसमें मूसरूपी उत्पल लग रहा है और सुन्दर राग रूपी पल्लव लगे हुए है । वह गेंद अब वापस दे दीजिए 1
उधर जीवन्धर भी गुणमाला के विरह से आतुर हो दद्यान में बैठकर गणमाला का चित्रांकन कर रहे थे तथा उसके कमनीय शरीर को देखकर गरम-गरम निःश्वास छोड़ रहे थे। तोता के द्वारा प्रदत्त पत्र पाकर उनकी प्रसन्नता का पार नहीं रहा । अनेकों बार उन्होंने वह पत्र पढ़ा और उत्तर में प्रतिपत्र लिखा
मम नयनमराली प्राप्य ते वपत्रपद्म
तदनु च कुचकोशप्रान्तमागत्य हुष्टा । विहरति रसपूर्ण नाभिकासारमध्ये
यदि भवति वितीर्णा सा त्वया तं ददामि ॥३५।। -लम्भ ४ मेरो दृष्टि रूपी हँसो सर्वप्रथम तुम्हारे मुखरूपी कमल के पास गयी थी, फिर स्तनरूपी कुड्मलों के पास आकर हर्षित हुई और तदनन्तर रस से भरे हुए नाभिरूपी तालाब के बीच विहार कर रही है सो वह दृष्टिरूपी हंसी यदि सुम दे दो तो मैं भी तुम्हारी हृदयरूपी गेंद दे हूँ।
इधर गुणमाला की दशा बड़ी विचित्र हो रही थी, हृदय में जलती हुई कामाग्नि के घूम के समान निकलनेवाले निःश्वास से उसको नाक का मोती नीलमणि बन गया था। अत्यन्त दुर्बल शारीर होने के कारण सुवर्ण की अंगूठी चूड़ी का काम देने लगी थी। मुखरूपी चन्द्रमा की चांदनी से लिप्स होने के कारण ही मानो उसकी शरीररूपी लता सफ़ेद पड़ गयी थी। भावना की प्रकर्षता के कारण प्रत्येक दिशा में दिखते हए जीवन्धर को देखकर बह उनकी अगवानी करने का यद्यपि प्रयत्न करती थी तो भी मृणाल के समान कोमल अंगों से वह समर्थ नहीं हो पाती थी। भेजे हुए शुक के आने में जो विलम्ब हो रहा था उसे वह सहने में असमर्थ थी इसलिए एक वर्ष की भयभीत हरिणी के समान अपने कटाक्ष प्रत्येक दिशा में छोड़ रही थी। इतने में शुक वहां आ पहुँचा । उसे देखते ही वह चिल्ला उठी-आओ आओ, मैं विलम्ब नहीं सहन कर सकती 1 जब वह शुक पास आ गया तब उसने उसे अपनी भुजाओं के युगल से ऊपर उठा लिया। उस समय हर्षातिरेक के कारण उसका भुजयुगल इतना फूल गया था कि उसकी चोकी ही फट गयी थी। क्रीडाशुक जो पत्र लाया था गुणमाला ने उसे ले लिया -
जान पड़ता है कि नैषधीयचरित की हंसकरूपना इसी शुककल्पना से प्रभावित है।
अष्टम लम्म में गन्धर्वदत्ता, गुणमाला की विरहावस्था का चित्रण करती हुई। जीवन्धर को लिखती है
महाकवि हरिचन्द्र : एक अनुशीलन