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ज्यों था त्यों ठहराया
गुजर रहे हैं और यह आदमी अपनी कार में बैठा हुआ है, और कार इसकी जमीन से ऊंचाई पर खड़ी हुई है। पहिए चल रहे हैं। ड्राइविंग कर रहा है। सब काम कर रहा है, मगर कहीं जा-आ नहीं रहा है। है कमरे में ही। कार भी खड़ी हुई है। मगर ये चारों तरफ से लोग गुजर रहे हैं और इससे दृश्य पूरा पैदा हो रहा है। कोई बिलकुल सामने आ जाता है, तो उसको कार बचानी पड़ती है। वह फिल्म में ही चल रहा है सब। थ्री डायमेंशनल फिल्में हैं वे, तो बिलकुल लगता है कि कोई आदमी सामने आ कर गुजर गया। यह आया कि टक्कर हुई जाती है! कोई न आ रहा है, न कोई जा रहा है। ड्राइविंग सिखाने का यह उपाय खोजा गया है। यह अच्छा उपाय है। मगर मैं सोचता हूं कि यह उपाय तैरने के बाबत काम में नहीं आ सकता। कितनी ही तुम लहरें पानी की उठाओ दीवालों पर और यह आदमी कितना ही हाथ मारे कि अब इबा तब डूबा, क्या तुम उसको धोखा दे पाओगे? थ्री डायमेंशनल ही फिल्म हो, कि बिलकुल डुबकी ही मारने लगे, तो भी इसको पता रहेगा कि अरे, क्या डुबकी! लेटा हूं अपने तकिया-गद्दे पर। हालांकि पानी बहा जा रहा है चारों तरफ से; सागर ही सागर है, लहरें उठ रही हैं, अब डूबा तब डूबा; मगर इसे पता तो रहेगा कि कहां डूबा! कार में तो सिखाया जा सकता है इस तरह से, क्योंकि कार कृत्रिम है, इसलिए कृत्रिम आयोजन किया जा सकता है। लेकिन तैरना स्वाभाविक है। इसलिए स्वाभाविक प्रक्रिया से ही सीखा जा सकता है। और मैं तुम्हें जो सिखा रहा हूं, यह भी तैरने जैसा है--कार चलाने जैसा नहीं। यह भवसागर को पार करना है, यह तैरना है। तुम पूछते हो: मैं आपको कब समझंगा? समझने चलोगे तो कभी नहीं। पीने की तैयारी हो, तो अभी। समझने में बाधाएं क्या हैं? बाधाएं नहीं हैं--बाधा है। एक--वह समझने की आकांक्षा, बिना पीए। पीने के लिए जरा हिम्मत चाहिए, साहस चाहिए। और पहली दफा जब शराब पीओगे तो कड़वी भी लगती है। सत्य पीओगे, वह भी कड़वा लगता है। इसलिए सूफियों ने सत्य को और शराब से उपमा दी है, ठीक किया है। तुम उमर खय्याम की रुबाइयां पढ़ कर यह मत समझना कि वह शराब की बातें कर रहा है। वह सत्य की बातें कर रहा है। सत्य भी जब पहली दफा पीओ, तो कड़वा लगता है। फिर आहिस्ता-आहिस्ता स्वाद सीखने में आता है, मगर पीने से ही सीखने में आता है।
सारा आलम झूम रहा इस मस्ती के पैमाने में तुम भी पीओ शराब प्रेम की आकर इस मैखाने में
रिंदो की महफिल में बैठे हिला रहे हैं सिर हम भी लुटने में मिल रहा मजा है, क्या रखा है पाने में
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