Book Title: Daulat Bhajan Saurabh
Author(s): Tarachandra Jain
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 15
________________ में भस्म कर अघातिया कर्मों की राख उड़ाता है (८५); मोक्ष की राह प्रशस्त करता है। कवि के भाव असीम हैं, उन्हें लेखन द्वारा व्यक्त करना स्वयं कवि के लिए भी कठिन है और जो लिखा भी गया है उसके मर्म तक पहुँचना और उसे प्रकट करना भी सहज नहीं है फिर भी भक्ति व अनुभूति की गहनता में उन भावों की गहराई के निकट पहुँचने के प्रयास से उनका अनुवाद संभव हो जाता है। इन भजनों के हिन्दी अनुवाद के लिए प्रबन्धकारिणी कमेटी के सदस्य श्री ताराचन्द्र जैन, एडवोकेट का आभारी हूँ। पुस्तक के प्रकाशन में सहयोग कार्यकता एवं जयपुर प्रन्टर्स प्रा. लि., जयपुर धन्यवादाह हैं। ऋषभ जन्म-तप कल्याणक दिवस चैत्र कृष्ण नवमी वीर निर्वाण संवत् २५२७ १८ मार्च, २००१ डॉ. कमलचन्द सोगाणी संयोजक जैनविद्या संस्थान समिति जयपुर [ xv]

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