Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh
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________________ 19. पर्याप्ति-६ :-आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छ्वास भाषा मन . 20. किमाहार :- तीन दिशा का चार दिशा का पांच दिशा का छ दिशा का 21. संज्ञा-३ :- हेतुवादोपदेशिकी दीर्घकालिकी दृष्टिवादोपदेशिकी 22. गति :- कौनसे दंडक में जाते है ? * 23. आगति :- कौनसे दंडक में से आते हैं ? 24. वेद-३ :- पुरुष स्त्री .. नपुंसक 25. अल्प बहुत्व प्रासंगिक उपयोगी व्याख्याएँ 1. शरीर:- शरीर, देह, काया आदि पर्याय नाम है, शरीर का अर्थ होता है नाशवान। 'शीर्यते यत्, तत् शरीरम्' शरीर पांच प्रकार के हैं। औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस, कार्मण। दंडक प्रकरण सार्थ (11) ठपयोगी व्याख्याएँ