Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh

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Page 183
________________ 5. आवर्त्त 13. रम्य 21. शंख 29. वल्गु 6. मंगलावर्त्त 14. रम्यक् 22. कुमुद 30. सुवल्गु 7. पुष्कलावत 15. रमणिक 23. नलिन 31. गंधिल 8. पुष्कलावती * 16. मंगलावती 24. नलिनावती * 32. वधिलावती उत्तर दिशा में दक्षिण दशिा में दक्षिण दिशा में उत्तर दिशा में 9. हृदो 6. महाहृदो नाम / कहां | लंबाई / चौडाई गहराई | किसका निवास 1. पद्महद हिमवंत पर्वत पर 1000 यो,५०० यो. 10 यो. श्री देवी 2. महापद्महद महाहिमवंत पर्वत पर 2000 यो 1000 यो.१० यो. ही देवी 3. तिगिच्छहद निषध पर्वत पर 4000 यो,२००० यो.१० यो.| धी देवी 4. पुंडरिकहद शिखरी पर्वत पर 1000 यो 500 यो. 10 यो. लक्ष्मी देवी 5. महापुंडरिकहदरुक्मि पर्वत पर 2000 यो 1000 यो.१० यो. षुद्धि देवी 6. केसरिहद नीलवंत पर्वत पर 4000 यो. 2000 यो.१० यो... कीर्ति देवी . उपरोक्त देवीयां अपने परिवार सहित मुख्य कमलों में निवास करती हैं। उनकास्वरूप जानने योग्य है। 10 लघुहृदो देवकुरु में उत्तरकुर में 1. निषध 6. नीलवंत 2. देवकुरु 7. उत्तर कुरु * फूटनोट :इन चार विजयों में वर्तमानकाल में भी श्री सीमंधरस्वामी श्री युगमंधरस्वामी - श्री बाहुस्वामी - श्री सुबाहुस्वामी इन चार नाम के तीर्थंकर भगवंत विचरते हैं। वे विहरमान भगवान कहलाते है। उनको मेरा त्रिकरण पूर्वक नमस्कार हो। | लघु संगहणी सार्थ (166) लघु एवं महाहृदो

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