Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh

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Page 190
________________ ये सभी निषध और नीलवंत पर्वत के उस नदी के नामवाले हृदों में से निकलकर पश्चिम ओर की 6 नदीयां सीतोदा में और पूर्व ओर की 6 नदीयां सीता नदी में मिलती है। आदि से अंत तक समान प्रवाहवाली ये नदीयां परिवार बिना की है। मतान्तर से उनका भी परिवार है, वह आगे की मतान्तर गाथा में मालुम पडेगा। सीता-सीतोदा के परिवार के स्थल का मतान्तर गाथा: चउदससहस्सगुणिया, अडतीसनइओ विजयमग्झिला। सीओयाए निवडंति. तहयसीयाईएमेव||२४|| संस्कृत अनुवाद चतुर्दशसहस्रगुणिता, अष्टात्रिंशन्नद्यो विजयमध्यकाः। सीतोदायांनिपतन्ति, तथाचसीतायामेवमेव||२४|| अन्वय सहित पदच्छेद . विजयमग्झिलाअडतीसनइओ चउदससहस्सगुणिया सीओयाए निवडंतितहयसीयाइएवंएव॥२४॥ शब्दार्थ :मज्झिला- में, विजय में रही हुई सीओयाए- सीतोदा नदी में निवडंति- गिरती है, मिलती है सीयाइं- सीता महानदी में एवं- इस तरह गाथार्थ:___चौद हजार से गुणी हुई विजयों में रही हुई अड्तीस नदीयां सीतोदा में मिलती है, और इसी तरह सीता नदी में भी जानना। | लघु संग्रहणी सार्थ (173) ता-सीतोदा राहिलाट के सवाल et alsoट 173 ) सीता-सीतोदा के परिवार के स्थल का मतात

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