Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh
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________________ // 24 दंडकों में जन्मदेह और उत्तरवैक्रिय की अवगाहना // दंडक गा रव्या जन्मदेह / उत्तरवैक्रिय जघन्य उत्कृष्ट | जघन्य उत्कृष्ट 1. वायुकाय अंगुल | अंगुल का अंगुल का अंगुल का असं. भाग. असं. भाग | असं. भाग 13 देव का 7 हाथ अंगुल 1 लाख योजन 1 ग.मनु. तीन गाऊ का | 1 लाख योजन से कुछ अधिक 1 ग.तिर्यंच 1000 योजन संख्यातवा 900 योजन 1 नरक 500 धनुष्य जन्मदेह से दुगुणा (1000 धनुष्य) 3 पृथ्वीकायादि वा अंगुल का असंख्यातवा भाग 1 बेइंद्रिय 12 योजन दंडको | दंडको 3 गाऊ 1 चउरिंद्रिय 1 योजन वैक्रिय | वैक्रिय 1 वनस्पति 1000 योजन से | शरीर नहीं है | शरीर नही है। कुछ अधिक भाग ___ इन 1 तेइंद्रिय . उत्तर वैक्रिय का विकुर्वणा का काल गाथा अंतमुहुतं निरए, मुहुत्त चत्तारितिरिय-मणुएसु। देवेसुअद्रमासो, उक्कोस-विउव्वणा-कालो॥१०॥ दंडक प्रकरण सार्थ (55) उत्तर वैकिय का विकुर्वणा का काल