Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh
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________________ हुआ। आकार लंब चोरस लंब चोरस | लंब चोरस लंब चोरस | लंब चोरसलंब चोरस रंग पीला पीला लाल नीला श्वेत पीला .' किसका सुवर्णमय सुवर्णमय | तपाया वैडूर्यरत्न | रूप्यमय सुवर्णमय बना हुआ है | सुवर्णमय वर्ष अर्थात् क्षेत्र, उसकी सीमा को धर अर्थात् धारण करनेवाले अर्थात् दो क्षेत्रों के बीच में सरहद पर रहे हुए हैं, ऐसा शब्दार्थ समझें। वे कौन-कौनसे क्षेत्र के बीच में आये हुए हैं, वह वासक्षेत्र के वर्णन में समझाया हुआ हैं। 4- वृत्त वैताढय / 200- कंचनगिरि 34- दीर्घ वैताढय | 4- गजदंत पर्वत 16- वक्षस्कार | 1- मेरु पर्वत 2- चित्र-विचित्र | 6- वर्षधर पर्वत 2- यमक-समक | कुल- 269 पर्वत हैं। पर्वतों के शिखर गाथा: सोलसवक्खारेसु, चउचउकूडायति पत्तेयं। सोमणसगंधमायण,सत्तद्वयरुप्पिमहाहिमवे||१३|| चउतीसवियडेसु.विज्जुप्पहनिसढनीलवंतेसु तह मालवंतसुरगिरि, नवनवकूडाइंपचेयं॥१४|| हिमसिहरिसुइक्कारस,इयइगसट्ठीगिरिसुकूडाणं एगत्तेसव्वधणं,सयचउरोसत्तसट्ठीय॥१५| संस्कृत अनुवाद षोडशवक्षस्कारखुचत्वारिचत्वारिकूचनिभवन्तिप्रत्येकं सौमनसगन्धमादनयोःसप्ताष्टचरुक्मिमहाहिमवंतयोः॥१३॥ लघु संग्रहणी सार्थ (150) पर्वतों के शिखर