Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh
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________________ . १चित्र 1 विचित्र पर्वत ये दोनों पर्वत देवकुरु क्षेत्र में आये हुए है एक पूर्व की ओर है और दूसरा पश्चिम की ओर है। ऊंचाई | मूल का विस्तार | ऊपर विस्तार | आकार 1000 यो.। 1000 यो. / 500 यो. | गोल है .1 यमक और 1 समक पर्वत इन दो पर्वतों का माप, विस्तार, आकारादि चित्र, विचित्र पर्वत की तरह ही जानना। सिर्फ क्षेत्र उत्तर कुरु, और एक पूर्व में तथा दूसरा पश्चिम की ओर है। - 200 कंचनगिरि देवकुरु में पश्चिम में 1 ले सरोवर के पास 2 रे सरोवर के पास 3 रे सरोवर के पास 4 थे सरोवर के पास 5 वे सरोवर के पास 0 0 0 or or or or 0 | 0 कुल पश्चिम में उत्तर कुरु में 1 ले सरोवर के पास २रे सरोवर के पास ३रे सरोवर के पास 4 थे सरोवर के पास 5 वे सरोवर के पास कुल | लघु संग्रहणी सार्थ (147) चित्र-विचित्र और यमक-समपर्वत