Book Title: Dandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Author(s): Gajsarmuni, Haribhadrasuri, Amityashsuri, Surendra C Shah
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Sangh
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________________ परिधि और गणित पद (क्षेत्रफल) निकालने की पद्धति गाथा :विक्खंभवग्गदहगुण-करणी वट्टस्सपरिरओ होइ। विक्खंभपायगुणिओ, परिरओतस्स गणियपयं॥७॥ संस्कृत अनुवाद :विष्कम्भवर्गदशगुणकरणीवृतस्यपरिरयोभवति विष्कम्भपादगुणितःपरिरयस्तस्यगणितपदम्॥७॥ अन्वय सहित पदच्छेद :विक्खंभवग्गदह गुण करणी वट्टस्सपरिरओहोइ / परिरओविक्खम्भपाय गुणिओतस्सगणियपयं॥७॥ शब्दार्थ :विक्खम्भ- विष्कम्भ (व्यास) के पाय- चौथे भाग से (पाव) वग्ग-वर्ग को गुणिओ- गुणने पर दहगुण- दस से गुणाकार करके तस्स- उन वृत्त पदार्थ का करणी- वर्गमूल गणियपयं- गणितपद, क्षेत्रफल वट्टस्स- वृत्त (गोल) वस्तु की परिरओ- परिधि (विस्तार) गाथार्थ: विष्कंभ (व्यास) के वर्ग का दस गुणा करना। यह गोल वस्तु की परिधि है। एवं विष्कंभ के चतुर्थ भाग से गुणित परिधि गोल वस्तु का गणित पद है। लघु संग्रहणी सार्थ (134) जंबूद्वीप के खंडो