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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
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के लिए पत्नी को परमेश्वर मानने में कौन-सी बाधा है ?"
___ आज के मनुष्य की जीवन-शैली पर व्यंग्य करते ये प्रश्न किसी भी सचेतन प्राणी को झकझोरने में समर्थ हैं
"आज मनुष्य की जीवन-शैली कैसी है ? वह उसे किधर ले जा रही है ? वह किसी के लिए नीड़ बुनता है या बुने हुए नीड़ों को उजाड़ता है ? वह किसी को जीवन देता है या जीने वाले की सांसों को छीनता है ? वह किसी को जोड़ता है या पीढ़ियों से जुड़े हुए रिश्तों में दरार डालता है ? वह किसी के आंसू पोंछता है या बिना ही उद्देश्य चिकोटी काटकर रुलाता है ? वह जीवन को संवारने के लिए धर्म की शरण में जाता है या उसकी बैसाखियों के सहारे लड़ाई के मैदान में उतरता है ? वह किसी की बात सुनता है या अपनी ही बात मनवाने का आग्रह करता है ? इन सवालों के चौराहों पर फैलते जा रहे गुमनाम अंधेरों को रास्ता कौन दिखाएगा? समाधान की ज्योति कौन जलाएगा?'
जहां उन्हें किसी बात पर जोर डालना होता है तब भी वे इसी शैली को अपनाते हैं क्योंकि निषेध के साथ जुड़े उनके प्रश्नों में भी एक बुनियादी सन्देश ध्वनित होता है। उदाहरण के लिए देश के समक्ष प्रस्तुत किए गये निम्न प्रश्नों को देखा जा सकता है ----
"यदि इस देश के लोग गरीब हैं तो वे श्रम से विमुख क्यों हो रहे हैं ? यदि देश की जनता को भर पेट रोटी भी नहीं मिलती तो करोड़ों रुपये प्रसाधन-सामग्री में क्यों बहाए जाते हैं ? देश में सूखे की इतनी समस्या है तो विलासिता का प्रदर्शन किस बुनियाद पर किया जा रहा है ? यदि भारतीय लोगों में कर्तव्यनिष्ठा है तो राष्ट्रीय, सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों से आंखमिचौनी क्यों हो रही है ? यदि उनमें ईमानदारी है तो ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार क्यों छा रहा है ? यदि उन्हें स्वच्छता का आकर्षण है तो गन्दगी क्यों फैल रही है ?''
___ कभी-कभी प्रश्न उपस्थित करके ही वे अपने वक्तव्य को पाठक तक संप्रेषित करना चाहते हैं। उनके ये प्रश्न इतने मार्मिक, वेधक और सटीक होते हैं कि पाठक के मन में हलचल उत्पन्न किए बिना नहीं रहते । युवापीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत किए गए प्रश्नचिह्नों की कुछ पंक्तियां मननीय हैं
"क्या हमारी प्रबुद्ध युवापीढ़ी शून्य को भरने की स्थिति में है ? क्या वह किसी बड़े दायित्व को ओढ़ने के लिए तैयार है ? क्या वह परिवार से भी पहला स्थान समाज को देने की मानसिकता बना सकती है ?"
१. कुहासे में उगता सूरज, पृ० ६२ २. चुनाव के संदर्भ में प्रदत्त एक विशेष संदेश :
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