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आचार
बूंद बूंद २ आगे
कुहासे
६४ १४६ ६४/६२
५८/५६
६६/६४
शांति का आधार : असंग्रह की वृत्ति' आकांक्षाओं का संक्षेप समस्या का मूल : परिग्रह चेतना परिग्रह क्या है ? परिग्रह के रूप परिग्रह की परिभाषा परिग्रह का मूल परिग्रह साधन है, साध्य नहीं संग्रह भऔर त्याग लाभ और अलाभ में संतुलन हो एक सार्थक प्रतिरोध परिग्रह का परित्याग संग्रह की परिणति : संघर्ष अपरिग्रह का मूल्य संघर्ष कैसे मिटे ? विसर्जन विसर्जन क्या है? विसर्जन : आंतरिक आसक्ति का परित्याग अपरिग्रह और विसर्जन समाजवाद और अपरिग्रह पूंजीवाद बनाम अपरिग्रह अपरिग्रह और अर्थवाद' लोभ का सागर : संतोष का सेतु जब आए संतोष धन संतोषी : परम सुखी असंग्रह की साधना : सुख की साधना"
मंजिल २ गृहस्थ/मुक्तिपथ प्रवचन ५ गृहस्थ/मुक्तिपथ मंजिल १ गृहस्थ/मुक्तिपथ प्रज्ञापर्व प्रज्ञापर्व सूरज आलोक में घर प्रगति की नयी पीढी/धर्म : एक समता/उद्बो मेरा धर्म गृहस्थ/ मुक्तिपथ गृहस्थ/मुक्तिपथ समता राजधानी/आ०तु० लघुता समता आगे संभल
६३/५१ १९९/२०२
१४० ७०/६६ ६२/६०
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१. १९-७-६५ दिल्ली। २. २२-४-६६ श्री कर्णपुर । ३. १-५-७८ लाडनूं। ४. ४-१२-७७ जैन विश्व भारती,
लाडनूं। ५. २०-१०-७६ सरदारशहर।
६. १५-५-५५ जलगांव । ७. १५-६-७५ दिल्ली। ८. २४-४-६६ पद्मपुर। ९. २८-५-५० दिल्ली, साहित्य गोष्ठी। १०. २८-२-६६ सिरसा । ११. २-४-५६ लाडनूं ।
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