________________
परिशिष्ट-३
प्रवचन-स्थलों के नाम एवं विशेष विवरण
आचार्यश्री के विशाल प्रवचन-साहित्य में सब प्रवचनों में स्थल एवं दिनांक उपलब्ध नहीं है फिर भी जो उपलब्ध हैं उसका हमने वर्गीकृत विषय वाले प्रवचनों/ लेखों में टिप्पण के साथ उल्लेख कर दिया है। अनेक प्रवचनों में दिनांक का उल्लेख न होकर केवल सन् का संकेत है, कहीं क वल स्थान या सन् का उल्लेख।
इस परिशिष्ट के अन्तर्गत हम गांवों के नाम तथा वहां हुए प्रवचनों के दिनांक का उल्लेख कर रहे हैं ताकि कोई भी पाठक क्षेत्रीय दृष्टि से भी इन प्रवचनों का संकलन या ज्ञान कर सके।
परिशिष्ट में अनेक स्थलों पर एक ही तारीख दो-तीन या कहीं-कहीं चार बार भी आई है, उसके दो कारण हैं
१. एक ही दिन में कई प्रवचनों का होना । जैसे 'संभल सयाने' में एक ही तारीख में अनेक प्रवचनों का उल्लेख मिलता है।
२. कहीं-कहीं शीर्षक बदलकर या उसी शीर्षक में एक ही प्रवचन भिन्न-भिन्न पुस्तकों में प्रकाशित हुआ है । जैसे 'मुक्तिः इसी क्षण में' के लगभग प्रवचन 'मंजिल की ओर भाग २' में हैं. तथा 'शांति के पथ पर (दूसरी मंजिल) के कई प्रवचन शीर्षक परिवर्तन एवं कुछ सामग्री-परिवर्तन के साथ 'प्रवचन पाथेय भाग है' में हैं। वहां भी दिनांकों की पुनरुक्ति हुई है।
इस परिशिष्ट में दिनांक के आगे जो पृष्ठ संख्या है वह इसी पुस्तक की है, क्योंकि उसी पृष्ठ संख्या के फुटनोट में यह दिनांक देखकर पाठक उस लेख एवं पुस्तक का नाम खोज सकेंगे। यहां पुनः लेख एवं
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org