Book Title: Acharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 704
________________ ३९० आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण १९८९ १९८९ १९८९ १९८९ १९८९ १९८९ १९८९ १९९१ १९९१ १९९२ १९९२ १९९४ कुहासे में उगता सूरज मुखड़ा क्या देखे दरपन में जब जागे, तभी सवेरा लघुता से प्रभुता मिले दीया जले अगम का मनहंसा मोती चुगे प्रज्ञापर्व जीवन की सार्थक दिशाएं सफर : आधी शताब्दी का बैसाखियां विश्वास की तेरापंथ और मूर्तिपूजा अर्हत् वंदना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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