Book Title: Acharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 705
________________ पद्य एवं संस्कृत साहित्य (इस पुस्तक में हमने आचार्य तुलसी के गद्य साहित्य का ही परिचय एवं पर्यवेक्षण प्रस्तुत किया है। किंतु आचार्य तुलसी उत्कृष्ट कोटि के कवि ही नहीं, मधुर संगायक भी हैं । चरित काव्य एवं गीति काव्य की दृष्टि से इस शताब्दी के कवियों में उनका नाम शीर्ष पर रखा जा सकता है । विभिन्न प्रसंगों पर आशुकवित्व के रूप में निःसृत हजारों पद्य तो अभी अप्रकाशित ही पड़े हैं। यहां हम पाठकों की जानकारी हेतु उनकी काव्य कृतियों एवं संस्कृत-भाषा में लिखित ग्रंथों का नामोल्लेख मात्र कर रहे हैं।) पद्य-साहित्य अग्नि परीक्षा नंदन निकुंज'/ अणुव्रत गीत पानी में मीन पियासी अतिमुक्तक आख्यान (अप्रकाशित) भरत मुक्ति आचार बोध मगन चरित्र कालूयशोविलास मां वदनां चंदन की चुटकी भली माणक महिमा चंदनबाला आख्यान (अप्रकाशित) योगक्षेम वर्ष व्याख्यान जागरण (संकलित) शासन संगीत डालिम चरित्र श्रद्धेय के प्रति तेरापंथ प्रबोध श्री कालू उपदेश वाटिका थावच्चापुत्र आख्यान (अप्रकाशित) संस्कार बोध सेवाभावी सोमरस' संस्कृत साहित्य कर्तव्य षटत्रिंशिका भिक्षुन्यायकणिका कालूकल्याणमन्दिर मनोनुशासनम् जैन सिद्धान्त दीपिका शिक्षाषण्णवति: संघट्विंशिका पंचसूत्रम् १. श्री कालू उपदेश वाटिका का परिवर्धित एवं परिष्कृत संस्करण । २. 'श्रद्धेय के प्रति' का परिवधित एवं परिष्कृत संस्करण । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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