Book Title: Acharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 686
________________ १६६ ३७२ आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण विद्यार्थी सम्मेलन १९५३, २० फर०, कालू १९५३, २१ अक्टू० अ० भा० विद्यार्थी परिषद्, जोधपुर द्वारा आयोजित १९६६, ५ अप्रैल, गंगानगर व्यापारी सम्मेलन १९५६, २२ अग० सरदारशहर १९६६, २० फर० नोहर शिक्षक सम्मेलन १९५३, २८ अग० मारवाड़ टीचर्स यूनियन जोधपुर द्वारा आयोजित १६३ संस्कृति सम्मेलन १९७९, ६ जन० जैन संस्कृति सम्मेलन, डूंगरगढ़ १९५३, १९ दिस० गांधी विद्या मंदिर, सरदारशहर सर्वधर्म सम्मेलन १९५०, दिल्ली १६७ विशिष्ट व्यक्तियों से भेंट-वार्ताएं (विशेष अवसरों पर प्रदत्त प्रवचनों की सूची के अतिरिक्त यहां विशिष्ट व्यक्तियों से हुई वार्ता की जानकारी भी प्रस्तुत की जा रही है । आचार्य तुलसी के विराट् व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करने एवं विचार-विनिमय हेतु समय-समय पर देश-विदेश की महान् हस्तियां उनके चरणों में उपस्थित होती रहती हैं। उन सारी भेट-वार्ताओं की यदि सुरक्षा रहती तो वह भारत की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर होती। साथ ही वह साहित्य परिमाण में इतना विशाल होता कि उसे कई खंडों में प्रकाशित करना पड़ता। परिशिष्ट के इस भाग में हमने 'जैन भारती', 'नवनिर्माण की पुकार', 'जनपद विहार' तथा 'आचार्यश्री तुलसी षष्टिपूर्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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