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परिशिष्ट १
स्वास्थ्य के सूत्र
मुखड़ा
हम जागरूक रहें हम निःशल्य बनें हम पर्याय को पहचानें हम भाव-पुजारी हैं हम यंत्र हैं या स्वतंत्र ? हम शरीर को छोड़ दें, धर्म-शासन को नहीं हमारा कर्तव्य हमारा धर्मसंघ और मर्यादाएं हमारा सिद्धान्त हमारी नीति हरिजनों का मन्दिर-प्रवेश
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२१५
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कुहासे
हाजरी
हिंसा और अहिंसा
हिंसा और अहिंसा का द्वन्द्व हिंसा और अहिंसा के प्रकम्पन हिंसा और अहिंसा को समझे हिंसा और परिग्रह हिंसा का कारण : अभाव और अतिभाव हिंसा का नया रूप हिंसा का प्रतिकार अहिंसा ही है हिंसा का स्रोत कहां? हिंसा की समस्या सुलझती है संयम से हिंसा के नये-नये रूप हिंसा भय लाती है हिन्दी का आत्मालोचन हिंदू : नया चिंतन, नयी परिभाषा हे प्रभो ! यह तेरापंथ होली : एक सामाजिक पर्व हृदय-परिवर्तन हृदय-परिवर्तन की आवश्यकता
भोर
१२९ प्रवचन ४
१३८ प्रवचन ८ प्रवचन ५
११२ मुखड़ा दायित्व
३९ घर वि वीथी प्रवचन ११ प्रवचन ९
५९ मंजिल १
११८ गृहस्थ मुक्तिपथ २३/२१ प्रवचन १०
२२२ आलोक में शान्ति के ४९/३६ बैसाखिया प्रज्ञापर्व प्रवचन ५ अणु गति बैसाखियां प्रज्ञापर्व बैसाखियां लघुता लघुता घर अतीत
२०७ मेरा धर्म कुहासे मंजिल १
१०८ प्रवचन ५
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प्रवचन ११
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