________________
२९६
आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण अहिंसा का क्रियात्मक प्रशिक्षण हो
२२ अक्टू० ६७ अहिंसा का फलित
२९ जून ६९ अहिंसा कायरों का नहीं, वीरों का धर्म है
२० जन० ५७ अहिंसा की प्राथमिकता
१८ अग०६८ अहिंसा की व्यापकता
९ नव० ५८ अहिंसा की समृद्धि के लिए त्याग की समृद्धि चाहिए
२७ अप्रैल ५८ अहिंसा क्या है ?
मार्च ५२/वि० अप्रैल ४७ अहिंसा दिवस का उद्देश्य
१३ अक्टू० ५७ अहिंसा पञ्चशील
२६ सित० ६५ अहिंसा में प्रतिरोध की शक्ति आए
१० सित० ६७ अहिंसा जीवन का भाचार धर्म है
१२ नव० ६७ अहिंसा में विश्वास करने वालों का संगठन हो
९ नव० ६९ अहिंसा साधे सब सधे
६ अग० ७२ आगम-अनुसंधान की आवश्यकता
१५ जून ६९ आगमों की मान्यता
१६ जून ५७ आग्रहवृत्ति लक्ष्यप्राप्ति में बाधक है।
१७ अप्रैल ६६ आचार-संहिता की आवश्यकता
१४ दिस० ५८ आचारांग का प्रतिपाद्य
२ मार्च ६९ आचार्य भिक्षु की महान् देन
१३ फर० ५५ आज का युग और धर्म
३० अग० ५९ आज की संयम शून्य विद्या शैली
८ जून ५८ आज धर्म बलिदान चाहता है
२१ मार्च ६५ आत्मजागृति की लौ जलाएं
३ नव० ५७ आत्म-दमन
२८ मार्च ६५ आत्म-दर्शन ही परमात्म-दर्शन है
३१ मार्च ६३ आत्म-नियमन
१८ फर० ७१ आत्म निरीक्षण
२४ अग० ६९ आत्म निरीक्षण करें
दिस० ५० आत्म निरीक्षण का पर्व
३१ मई ७०
१. अहिंसा दिवस, सुजानगढ़
४. बम्बई, मर्यादा महोत्सव । २. १५-२-६६ भादरा, स्वागत समारोह। ५. २२-८-६७ अहमदाबाद । ३. २६-७-६७ अहमदाबाद ।
६.१-९-६८ मद्रास ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org