________________
समाज
प्रवचन ५ प्रवचन ५
कुहासे बैसाखियां बूंद-बूंद १
.
कुहासे
१७४
x
२०२
x
भारतीय और प्राच्य विद्या का केन्द्र
जैन विश्व भारती नया आयाम परम्परा और परिवर्तन परिवर्तन और विवेक शाश्वत मूल्यों की सत्ता परिवर्तन : एक अनिवार्य अपेक्षा शाश्वत और सामयिक परिवर्तन : एक शाश्वत सत्य परिवर्तन वस्तु का धर्म है। सत्य का सही सोपान वर्तमान के वातायन से परिवर्तन नए और प्राचीन का व्यामोह चक्षुष्मान् मनुष्य और एक दीपक परिवर्तन : सामयिक अपेक्षा परिवार आदर्श परिवार का स्वरूप संयुक्त परिवार की वापसी आवश्यक रुचिभेद और सामञ्जस्य बालक के निर्माण की प्रक्रिया पूरी दुनिया : पूरा जीवन निर्माता कौन ? निर्माण बच्चों का अभिभावकों से
प्रज्ञापर्व मंजिल २ बूंद-बूंद १ वि वीथी/राज भोर बंद-बूंद १ बैसाखियां जागो!
११५/१९६
x
१३३
x
मंजिल १
४
कुहासे
०
१८३
क्या धर्म अतीत का बैसाखियां मंजिल १ प्रवचन ९ जन-जन
.
१३४
ur
१.१-१२-७७ लाडनूं। २.९-११-७७ सेवाभावी कल्याण
केन्द्र का उद्घाटन समारोह । ३. २६-३-६५ पाली। ४. ४-१०-७८ गंगाशहर । ५. ७-४-६५ ब्यावर।
६. २-३-६५ बाडमेर । ७. १८-९-६५ दिल्ली। ८.१६-७-७७ लाडनूं । ९. १८-८-७६ सरदारशहर । १०. २१-५-५३ गंगाशहर ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org