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जीवनसूत्र
७९
२०७
शांति के मुक्तिपथ बूंद बूंद २ संभल
१७४
१४०
१८
मनहंसा जब जागे लघुता लघुता बूंद बूंद २ सूरज
२२२
.६२
११२
५८
जीवन कल्प की दिशा द्वन्द्वमुक्ति का अभाव व्यक्ति और समाज स्वार्थ की मार अनासक्ति सबसे बड़ा सुख है अनासक्ति अविद्या आदमी को भटकाती है सम्बन्धों का आईना : बदलते हुए प्रतिबिम्ब आसक्ति छूटती है उपनिषद् से आसक्ति का परिणाम अनासक्त भावना अनुशासन अनुशासन से होता है जीवन का निर्माण सम्भव है व्यक्तित्व का निर्माण अनुशासन आज्ञा और अनुशासन की मूल्यवत्ता पराक्रम की पराकाष्ठा कौन सा रास्ता? अपने से अपना अनुशासन निज पर शासन : फिर अनुशासन अनुशासन का हृदय अनुशासन निषेधकभाव नहीं धर्मसम्प्रदायों में अनुशासन आत्मानुशासन का सूत्र जीवन मूल्य जीवन मर्यादामय हो अनुशासन की त्रिपदी
२३२
जब जागे लघुता बीती ताहि लघुता दीया वैसाखियां बूंद बूंद १ समता मंजिल २ प्रज्ञापर्व बीती ताहि
१९३
२३४
१९२
खोए
सूरज संभल
दीया
१. १९५२ सरदारशहर । २. १०-९-६५ दिल्ली। ३. २३-३-५६ बोरावड़। ४. २५-७-६५ दिल्ली ।
५. १२-५-५५ जलगांव । ६. १६-४-६५ किशनगढ़ । ७. २४-९-७८ गंगाशहर। ८. १०-३-५५ नारायणगांव ।
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