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मंजिल २ भोर मंजिल १ धर्म : एक
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प्रज्ञापर्व संभल संभल घर
२०६ १४३
भोर
१५० .
जीवनसूत्र धर्म का मूल : संयम संयम ही जीवन है संयम : एक सेतु जीवन शुद्धि संयम की आवश्यकता संयम ही जीवन है अंतिम साध्य संयम सर्वोच्च मूल्य है जीवन की सही रेखा संयम संघर्ष बुराई का अंत संयम से होगा संयम के दो प्रकार सुख का राजमार्ग संयमः खलु जीवनम् जीवन में संयम की महत्ता सुख मत लूटो, दुःख मत दो१२ त्याग और संयम का महत्त्व काल को सफल बनाने का मार्ग : संयम संयम ही जीवन है सादा जीवन : उच्च विचार संयम : जैन संस्कृति का प्राण नव समाज के निर्माताओं से
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ज्योति के ज्योति के प्रवचन ५ प्रवचन ११ प्रवचन ५ प्रवचन ११ प्रवचन ११ सूरज प्रवचन ८ प्रश्न भोर ज्योति से जन जन
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३
१९४
९३
१. ७-५-७८ लाडन।
९. जोधपुर। २. बम्बई।
१०. २६-१२-७७ लाडन । ३. २०-४-७७ बीदासर ।
११. ४-३-५४ सुधरी। ४. १८-३-५५ राहता।
१२. १०-१-५४ जैन सांस्कृतिक परिषद् ५. २९-५-५६ पड़िहारा।
कलकत्ता में प्रेषित। ६. २-१२-५६ बाई. एम. सी ग्राउण्ड १३. २२-५-५५ एरण्डोल । दिल्ली।
१४. ३०-७-७८ गंगाशहर । ७. १-१०-५४ बम्बई।
१५. २६-१२-५४ (माण्डूप) बम्बई । ८. २१-१२-६६ लाडनूं।
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