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साधना का प्रभाव' परमार्थ की चेतना
साधु जनता को प्रिय क्यों ?
साधु संस्था की उपयोगिता
साधु की पहचान भिक्षु कौन ? ४
संतों का स्वागत क्यों ?"
संतों के स्वागत की स्वस्थ परम्परा'
पाप श्रमण कौन ?
कसौटियां और कोटियां मुनित्व के मानक
७
जो सब कुछ सह लेता है त्याग और भोग की सत्ता '
पंच परमेष्ठी
णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं आचार्यपद की अर्हताएं आचार्य की संपदाएं
९
संघ में आचार्य का स्थान
आचार्य महान उपकारी होते हैं"
आचार्यों का अतिशेष "
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणं एसो पंच णमुक्का चत्तारि सरणं पवज्जामि
मंगल क्या है ? १२
मंगल और शरण ३
१. १-४-६६ गंगानगर ।
२. ७-९-७७ लाडनूं । ३. २६-३-५६ खाटे (छोटी) ।
४. ७-२-५७ सरदारशहर । ५. २२-२-५३ लूणकरणसर । ६. ५-७-५४ बम्बई ( सिक्कानगर ) । ७. ८-१-७९ श्रीडूंगरगढ़ ।
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आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण
आगे
कुहासे
प्रवचन ४
अणु गति संभल
घर
प्रवचन ९
भोर
मुखड़ा
मुखड़ा
प्रवचन १०
खो
जागो !
मनहंसा
मनहंसा
मनहंसा
दीया
मनहंसा
जागो !
जागो !
जागो !
मनहंसा
मनहंसा
मनहंसा
मनहंसा
संभल
संभल
८. ८-१०-६५ दिल्ली । ९. २६-१२-६५ दिल्ली । १०. २०-११-६५ दिल्ली । ११. २७-१२-६५ भिवानी । १२. २२-१-५६ जालमपुरा । १३. १२-४-५६ सुजानगढ़ ।
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