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जैनदर्शन
प्रवचन १० प्रवचन ८
१८० १०१ १०८
४८
३७
प्रवचन ८ प्रवचन ८ प्रवचन ७ सोचो! ३ प्रवचन ८ प्रवचन ९ प्रवचन ८ प्रवचन ८ प्रवचन ८
३७
प्रवचन ८
प्रवचन ८
१८९
काल का स्वरूप क्या काल पहचाना जाता है ? ' पुद्गल धर्म व अधर्म की स्थिति पुद्गल : एक अनुचिंतन पुद्गल के लक्षण बन्धन का हेतु : राग-द्वेष पुद्गल की विभिन्न परिणतियां' शब्द की उत्पत्ति क्या अंधकार पुद्गल है ?' क्या छाया स्वतंत्र पदार्थ है ? परमाणु का स्वरूप परमाणु : एक अनुचिन्तन परमाणु संश्लेष की प्रक्रिया संसार में जीवों की अवस्थिति जीवों के वर्गीकरण जीव के दो वर्ग विस्मृति भी जरूरी है। सृष्टि अस्तित्त्ववाद जैनदर्शन में सृष्टि सृष्टि क्या है ?" संसार क्या है ?२० १. २६-३-७८ दिल्ली २. ३१-७-७८ गंगाशहर ३. २-८-७८ गंगाशहर ४. २२-७-७८ गंगाशहर ५. २३-७-७८ गंगाशहर ६. १९-१-७८ लाडनूं ७. २४-७-७८ गंगाशहर ८. १८-२-५३ कालू ९. २५-७-७८ गंगाशहर १०.२७-७-७८ गंगाशहर
प्रवचन ८ मंजिल २ सोचो ! ३ प्रवचन ४
१६३
१७७
३५
मुखड़ा सोचो! ३ प्रवचन ८
मुक्ति : इसी ११. २७-७-७८ गंगाशहर १२. २८-७-७८ गंगाशहर १३. २९-७-७८ गंगाशहर १४. ३-८-७८ गंगाशहर १५. २०-९-८५ गंगाशहर १६. ३१-३-७८ लाडनूं १७. १-८-७७ लाडनूं १८.४-४-७८ लाडनूं १९. १८-७-७८ गंगाशहर २०. ८-६-७६ राजलदेसर
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