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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
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पर खुलकर चर्चा के साथ-साथ मर्यादा एवं अनुशासन की आवश्यकता पर भी पर्याप्त प्रकाश डाला गया है। इसमें भगवान् महावीर के विचारों का आधुनिक सन्दर्भ में प्रस्तुतीकरण है और जैन दर्शन के कुछ प्रमुख सिद्धांतों को मूल्यों के सन्दर्भ में व्याख्यायित किया गया है। इस प्रकार ४७ निबंधों से युक्त यह संकलन अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है । इसकी भाषा सहज, सरल एवं स्पष्ट है । सामान्य पाठक भी इसमें अवगाहन कर अमूल्य रत्नों को प्राप्त कर सकता है ।
विचार वीथी
वैचारिक क्रांति में साहित्य अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है | आचार्य तुलसी समय-समय पर प्रवचनों और लेखों के माध्यम से अपने क्रांतिकारी विचार जनता तक पहुंचाते रहते हैं । उनके साहित्य की लम्बी कड़ी में बहुरंगी विषयों से युक्त 'विचार वीथी' पुस्तक अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है । विध्वंसात्मक कार्यों की ओर बढ़ते मानव को संरचनात्मक दृष्टिकोण देने व शक्ति को सही दिशा में नियोजित करने में यह पुस्तक काफी उपयोगी है । इसमें भगवान महावीर, अणुव्रत, महिला समाज तथा तेरापन्थ आदि अनेक विषयों पर संक्षिप्त एवं मार्मिक ५१ लेख समाविष्ट हैं । राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत करने एवं नैतिकता से ओत-प्रोत जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली इस पुस्तक में आधुनिक समस्याओं के संदर्भ में नए सिरे से चिन्तन किया गया है । दूसरे संस्करण में 'विचार दीर्घा' एवं 'विचार atat' के अधिकांश लेख 'राजपथ की खोज' में सम्मिलित कर दिए गए हैं।
विश्वशांति और उसका मार्ग
यह ऐतिहासिक लेख शांति निकेतन में होने वाले 'विश्व शांति सम्मेलन' (१९४९) में प्रेषित किया गया था । इस लेख में अशांति के हेतु और उसके निराकरण पर महत्त्वपूर्ण चर्चा की गयी है। इसके साथ ही सुधार का केन्द्र व्यक्ति है या समाज, इस पर गम्भीर चिन्तन प्रस्तुत किया गया है । अन्त में शांति प्राप्त करने के १३ उपाय इस पुस्तिका में निर्दिष्ट हैं, जो आज के अशांत मानस को शांति की राह दिखाने में सक्षम हैं ।
इस आलेख में कम शब्दों में समाज, देश और राष्ट्र को अध्यात्म की नई स्फुरणा एवं विश्वशांति के महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा मिलती
है ।
व्रतदीक्षा
व्रत मानव समाज की रीढ़ है अतः भगवान् महावीर ने श्रावक के लिए व्रती जीवन की महत्ता प्रतिष्ठित की। उन्होंने श्रावक के लिए १२ व्रत
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