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अध्यात्म
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मुखड़ा
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कुहासे
कुहासे
शीर्षक
पुस्तक अध्यात्म की एक किरण ही काफी है
कुहासे जो दिल खोजूं आपना प्रस्थान के नए बिन्दु
मुखड़ा अतीत की स्मृति और संवेदन
मुखड़ा हम यंत्र हैं या स्वतंत्र
मुखड़ा अध्यात्म सबको इप्ट होता है
मनहंसा आत्मदर्शन का आईना
मनहंसा जीवन की दिशा में बदलाव सत्य की खोज
आगे यह सत्य है या वह सत्य है कौन सा देश है व्यक्ति का अपना देश
जब जागे ऐसी प्यास जो पानी से न बुझे
जब जागे अध्यात्म की यात्रा : प्रासंगिक उपलब्धियां क्या धर्म अध्यात्म क्या है ?
प्रवचन ४ संपिक्खए अप्पगमप्पएणं'
मुक्ति : इसी आत्मनिरीक्षण सुख अपने भीतर है
समता राम मन में, काम सामने
समता प्रभु बनकर प्रभु की पूजा
समता कल्याण का रास्ता
समता रूपान्तरण का उपाय
समता सोना भी मिट्टी है
समता संवाद आत्मा के साथ
समता शिखर से तलहटी की ओर
वैसाखियां घर में प्रवेश करने के द्वार
वैसाखियां १. १५-३-६६ हनुमानगढ़ ।
२. १९-५-७६ छापर ।
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घर
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