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तिलकमंजरी, एक सांस्कृतिक अध्ययन
उत्पत्ति भी समुद-मन्थन से हुई (पृ. 121 ) । समुद्र से अप्सराओं की भी उत्पत्ति g (q. 122) 1
सीता
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यह जनक की पुत्री है अत: जानकी (पृ. 135 ) जनकदुहिता (पृ. 136 ) तथा मैथिली (पृ. 135 ) नाम है । ये राम की पत्नी थी। सीता की अग्नि परीक्षा की कथा का उल्लेख किया गया है। राक्षसग्रह में निवास करने के अपवाद रूप कलंक के निवारण हेतु सीता की अग्नि परीक्षा ली गई । 1
सुग्रीव
सुग्रीव राम का मित्र था । सुग्रीव की सेना में तार, नील तथा अंगद थे (पृ. 55 ) 12 सुग्रीव द्वारा स्थापित शिविर भूमि का उल्लेख किया गया है । (पृ. 135 ) ।
शत्रुघ्न
इनकी पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति था (पृ. 13 ) ।
शिव
शिव सम्बन्धी अनेक कथाओं का उल्लेख किया है। शिव के लिये प्रयुक्त शब्द उनकी विशेषताओं को प्रकट करते हैं (पृ. 16)। शंकर के द्वारा अन्धक नामक दैत्य का विनाश किया गया (पृ. 5,120, 185 ), अत: इन्हें अन्धकाराति कहते हैं । शिव ने गजासुर का नाश किया (पृ. 185, 87 ) तथा प्रलयकाल में गजासुर के चर्म को धारण किया (पृ. 14), अत: इन्हें गजदानवारि विशेषण प्राप्त हुआ (पृ. 87 ) । प्रलयकाल में शिव के महाभैरव रूप का उल्लेख (पृ. 14 ) किया गया है, उनका अट्टहास (पृ. 84), प्रलयकाल में शिव का ताण्डव नृत्य (पृ. 239) वर्णित किया गया है। शिव विश्व के संहारकर्त्ता कहे गये हैं। शिव का निवास स्थान कैलास पर्वत है (पृ. 23) शिव की जटा में अर्धचन्द्र (पृ.. 23, 313, 44), शिव का गंगा को अपने सिर पर धारण करना (211)। शिव के तृतीय नेत्र से कामदेव का भस्मीभूत होना (23, 104, 162, 248, 266, 276) आदि वर्णित किये गये हैं ।
शिव ने समुद्र मन्थन से निकले विष का पान कर उसे कण्ठ में ही रोक लिया, अतः वे कण्ठेकाल कहलाये |
अपनीतरक्षो गृह निवासनिर्वादकलंकाया जनकदुहितुः....
1.
2. सुग्रीवसेनामिव स्फुरत्तास्त्रीलांगदाम्,
3. कण्ठे कालकूटकालिकामिव कालाग्नि कण्ठे कालस्य ..
- तिलकमंजरी, पृ. 136
- वही, पृ. 55
- तिलकमंजरी, पृ. 134