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तिलकमंजरी का साहित्यक अध्ययन
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418,। प्रचलाकी 210 हस्तताल द्वारा मयूरों को नचाये जाने का उल्लेख मिलता है।
(24) मल्लिकाक्ष 209, 212, 408 सफेद शरीर तथा धूमिल रंग के चोंच तथा पैरों वाला हंस विशेष ।
(25) सारस 116, 142,158, 207 इसकी ध्वनि को केडार कहा गया है ।
(26) सारिका 65, 68, 69, 211, 262, 401 ये अन्तःपुर में पिंजरों में पाली जाती थी 65, 68 इनको आहार-मंडप में विषाक्त भोजन के परिक्षण के लिए रखा जाता था 69 ।
(27) शरीर-आडी पक्षी विशेष 204 ।
(28) शुक 65, 68, 69, 97, 106, 164, 194, 200, 215, 218, 293, 296, 302, 311, 349, 374, 396,401 इसे भी विषाक्त भोजन की परिक्षा के लिए आहारमंडप में रखे जाने का उल्लेख किया गया है 69।
(29) श्येन -बाज 215 यह मांसाहारी पक्षी है ।
(30) हंस 106, 120, 141, 177, 245, 257, 262, 301, 319, 371, 4261
(31) हारीत 152, 160, 229, यह हरे रंग का पक्षी है।'
(32) राजहंस 159, 179, 203, 207, 232 यह सफेद शरीर तथा लाल रंग के पैर वाला हंस विशेष है राजहंसी 8, 58, 232 ।
(33) वायस 68 । काक-126 । पशु-वर्ग
(1) कपि 4, 118, 152, 211 । वानर 135, 152, 202, 240 हरि 212 शाखामृग 200 ।
(2) कस्तूरीमृग 178, 236 गन्धमृग 210। कस्तूरिकाकुरङ्ग 211 (3) केसरी केसरि-14, 79, 84, 409, 426 कण्ठीख 200
1. नर्तयन्तीचलितवाचालवलयश्रेणिना........ 2. सरलीकृतकेङ्कारविरूतिमिः 3. हारीतहरितप्रभम्........
-वही, पृ. 364
-वही, पृ. 207 -तिलकमंजरी, पृ. 229